आईआईएम इंदौर ने 30 मार्च 2017 को अपना अठारहवाँ वार्षिक दीक्षांत समारोह मनाया | दो दिवसीय इस आयोजन में भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर के दीक्षांत-पूर्व समारोह का आयोजन बुधवार, 29 मार्च 2017 को किया गया । समारोह में प्रतिष्ठित अतिथियों एवं स्नातक हो रहे छात्रों के साथ उनके माता-पिता भी उपस्थित थे |
प्रत्येक वर्ष दीक्षांत समारोह का आयोजन भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर के फेलो कार्यक्रम (एफपीएम) के प्रतिभागियों को भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर के फेलो की उपाधि (टाइटल) प्रदान करने एवं स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी), प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम- मुंबई (पीजीपी-मुंबई), प्रबंधन में कार्यकारी स्नातकोत्तर कार्यक्रम (ईपीजीपी) और प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम एमएक्स-मुम्बई (पीजीपी एमएक्स-मुंबई) के सफल प्रतिभागियों को डिप्लोमा प्रदान करने हेतु किया जाता है | इस वर्ष पांच वर्षीय एकीकृत प्रबंधन कार्यक्रम (आईपी एम) के द्वितीय बैच )2012-17) के 100 छात्र स्नातक हुए । उन्होंने प्रबंधन में एकीकृत कोर्स के लिए डिप्लोमा प्राप्त किया |
दीक्षांत समारोह के दौरान एफ पी एम के 16 प्रतिभागियों ने भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर के प्रबंध में फेलो की टाइटल (उपाधि) प्राप्त की, स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी) के 449 प्रतिभागियों और प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम-मुम्बई (पीजीपी-मुंबई) के 62 प्रतिभागियों ने प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया | आईपीएम के 100 प्रतिभागियों ने प्रबंधन में पांच वर्षीय एकीकृत डिप्लोमा प्राप्त किया | कार्यकारी प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (ईपीजीपी) के 41 प्रतिभागियों और प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम एमएक्स-मुम्बई (पीजीपी एमएक्स- मुम्बई ) के 21 प्रतिभागियों ने प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया |
प्रोफ़ेसर श्रीकांत दातार, आर्थर लोवेस डिकिन्सन प्रोफ़ेसर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, एच बी एस वन हारवर्ड फैकल्टी फेलो एवं सीनियर एसोसिएट डीन, यूनिवर्सिटी अफेयर्स हारवर्ड बिज़नेस स्कूल दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि थे |
वार्षिक दीक्षांत समारोह का आरंभ शानदार रंगारंग दीक्षांत समारोह की शोभा यात्रा से हुआ जहां कि मुख्य अतिथि और भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर के संकाय सदस्य गलियारे से पैदल चलते हुए दीक्षांत समारोह स्थल तक पहुंचे |
श्री दीपक एम सतवालेकर, अध्यक्ष बोर्ड भा प्र सं इंदौर द्वारा दीक्षांत समारोह के शुभारंभ की घोषणा की गई | उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की पहचान इसी बात से होती है कि वह कितनी ऊंची सोच रखता है और समाज के लिए क्या कर सकने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि हमेशा खुद पर भरोसा रखें, और दूसरे की नक़ल न करें। कार्य-प्रणाली में बदलाव को देखते हुए उन्होंने कहा कि खुद का व्यापार शुरू करने का यह उत्तम समय है, क्योंकि आज दुनिया काफी नयी सोच रखती है और नयी सोच को अपनाती भी है।
29 मार्च 2017 के समारोह में छात्रों को छात्रवृत्ति और पुरस्कार प्रदान करने के अलावा, शैक्षिक उत्कृष्टता हेतु पीजीपी इंदौर के निम्नलिखित प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा पदक प्रदान किये गए :
- शैक्षिक प्रदर्शन के लिए आईआईएम इंदौर स्वर्ण पदक प्रथम रैंक – निशांत संगल |
- शैक्षिक प्रदर्शन के लिए आईआईएम इंदौर स्वर्ण पदक द्वितीय रैंक- अक्षत कुमार बंसल|
- शैक्षिक प्रदर्शन के लिए आईआईएम इंदौर स्वर्ण पदक तृतीय रैंक– तमरीश सिन्हा |
- सर्वश्रेष्ठ महिला प्रतिभागी हेतुशैक्षिक प्रदर्शन के लिए आईआईएम इंदौर स्वर्ण पदक- साक्षी गुप्ता |
शैक्षिक प्रदर्शन के लिए आईआईएम इंदौर स्वर्ण पदक निम्नलिखित आई पी एम प्रतिभागियों को निम्नलिखित विवरणानुसार प्रदान किये गए :
- शैक्षिक प्रदर्शन के लिए आईआईएम इंदौर स्वर्ण पदक प्रथम रैंक– ऐश्वर्या मंगला |
- शैक्षिक प्रदर्शन के लिए आईआईएम इंदौर स्वर्ण पदक द्वितीय रैंक– श्रुति गरोडिया |
- शैक्षिक प्रदर्शन के लिए आईआईएम इंदौर स्वर्ण पदक तृतीय रैंक– पुलकित अगरवाल |
- सर्वश्रेष्ठ महिला प्रतिभागी हेतुशैक्षिक प्रदर्शन के लिए आईआईएम इंदौर स्वर्ण पदक- ऐश्वर्या मंगला |
शैक्षिक प्रदर्शन के लिए आईआईएम इंदौर स्वर्ण पदक पीजीपी मुम्बई, पीजीपी एमएक्स-मुम्बई एवं ईपीजीपी प्रतिभागियों को निम्नलिखित विवरणानुसार प्रदान किये गए :
- पीजीपी मुम्बई– मोदी ध्रुव विक्रम
- पीजीपी-एमएक्स मुम्बई – मनीष आहूजा
- ईपीजीपी(2016-2017)- रूपक लस्कर
इसके उपरांत प्रोफ़ेसर श्रीकांत दातार ने दीक्षांत अभिभाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि छात्रों के माता-पिता आज सम्मान के अधिक हकदार हैं, क्योंकि उन्होंने ही इन छात्रों को इस लायक बनाया है कि वे आज उच्च शैक्षणिक संस्थान से स्नातक हो रहे हैं। उन्होंने आर्थिक विकास, व्यापारिक धन और सामाजिक न्याय के बारे में चर्चा की।
इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय विकास पर अपना दृष्टिकोण साझा किया और इस पर बल दिया कि कैसे वैश्वीकरण और डिजिटलीकरण ने हमारे जीवन को प्रभावित किया है। उन्होंने यह भी चर्चा की कि कैसे 1 9 70 और बीसवीं सदी के दौरान वैश्वीकरण के कारण आर्थिक बदलाव ने रोजगार को प्रभावित किया और यह विकसित और विकासशील देशों को कैसे प्रभावित करता है।
प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण के बारे में चर्चा करते हुए, प्रोफेसर दातार ने स्वचालित कारों के बारे में बताया और वे पूरे विश्व के चालकों के रोजगार को कैसे प्रभावित कर सकती है, इस पर विचार रखे। ' हमें मशीनों द्वारा हमारे जीवन में लाए गए सकारात्मक प्रभावों को देखने की जरूरत है। स्वचालित कारों से कई चालकों की नौकरी छूट सकती हैं लेकिन इन्ही कारों से ट्रैफिक और दुर्घटनाएं कम करने में मदद मिलेगी। यह दुनिया भर के लोगों द्वारा अपनायी गयी कारों की संख्या को कम करने में भी मदद करेगा क्योंकि ओला और उबेर जैसी कारों को किराए पर लेना ज्यादा आसान होगा।
फिर उन्होंने नम्रता, साहस और विश्वास के बारे में चर्चा की। 'नम्र रहें, इससे आप हमेशा उस चीज़ की अहमियत समझेंगे जो आपके पास है। साहसी रहे । आप जब किसी दुविधा में हो, तो सही का चयन करें, और जो आसान है उस राह पर न चलें। विश्वास का विनिर्माण करें। समाज और व्यापार के बीच विश्वास पैदा करना आज एक बड़ी चुनौती है, और नए और सकारात्मक विचारों वाले युवा ही इस बदलाव को ला सकते है 'उन्होंने कहा।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर ऋषिकेश टी कृष्णन ने आईआईएम इंदौर में हुए विभिन्न मुख्य आयोजनों के विषय में चर्चा की | आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर ऋषिकेश टी. कृष्णन ने आईआईएम इंदौर में विभिन्न प्रमुख आयोजनों के बारे में बात की। उन्होंने उल्लेख किया कि आईआईएम इंदौर ने हाल ही में एमबीए की एसोसिएशन (अम्बा, एक ब्रिटेन स्थित मान्यता प्राप्त एजेंसी) से अपने पहले पूर्णकालिक कार्यक्रमों - दो साल के स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रबंधन (इंदौर और मुंबई में) और एक वर्षीय पूर्णकालिक प्रबंधन में कार्यकारी स्नातकोत्तर कार्यक्रम (ईपीजीपी) और पांच साल एकीकृत प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (आईपीएम, चौथे और पांचवें वर्ष) के लिए अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है। अनुसंधान के क्षेत्र में संस्थान काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इस वर्ष रिकार्ड 16 प्रतिभागियों को फेलो ऑफ़ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट इंदौर की उपाधि दी गयी है। उन्होंने संस्थान में शुरू किए गए एक्जिक्यूटिव के नए जनरल मैनेजमेंट प्रोग्राम और इनक्यूबेशन सेंटर के उद्घाटन के बारे में भी उल्लेख किया, जिससे युवा उद्यमियों को सफलता मिलेगी।
दीक्षांत समारोह का समापन राष्ट्रीय गान से हुआ।