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आईआईएम इंदौर के बारे में:
उच्च गुणवत्ता प्रबंधन शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्यों के साथ, उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने उत्कृष्टता संस्थानों के रूप में भारतीय प्रबंधन संस्थानों की स्थापना की। इन संस्थानों को प्रमुख प्रबंधन संस्थान के रूप में जाना जाता है, जो उद्योगों के साथ शिक्षण, अनुसंधान और परस्पर संवाद के लिए दुनिया में सर्वश्रेष्ठ से तुलनीय हैं।
1996 में स्थापित, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर), सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा उद्यमों के साथ प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विकसित, पोषित तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान अधिनियम 2017 के तहत राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है।
एक सुंदर पहाड़ी के ऊपर स्थित, आईआईएम इंदौर के 193 एकड़ का परिसर चिंतनशील शिक्षा के लिए एक आदर्श पृष्ठभूमि प्रदान करता है। आईआईएम इंदौर में नवीनतम शिक्षण सहायक उपकरण, समृद्ध शिक्षण संसाधन, एक सशक्त आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, अत्याधुनिक खेल परिसर और छात्रावास के साथ-साथ समकालीन बुनियादी संरचना उपलब्ध है।
वित्तीय शिक्षा के लिए आईसीआईसीआई डायरेक्ट सेंटर (आईसीएफएल) के बारे में:
आईसीआईसीआई डायरेक्ट सेंटर फॉर फाइनेंशियल लर्निंग (आईसीएफएल) आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड की एक पहल है जो वित्तीय ज्ञान को सरल बनाने एवं भावी या अनुभवी निवेशकों और ज्ञान की खोज करने वालों के बीच वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं । आईसीएफएल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को निवेश शिक्षा कार्यक्रमों और व्यावसायिक प्रमाणन और विकास कार्यक्रमों के तहत वर्गीकृत किया गया है। प्रक्षेत्र (डोमेन) ज्ञान के भंडार में इन-हाउस विकसित संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, प्रमाणन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की मेजबानी शामिल है जो कि प्रतिष्ठित प्रमाणनों की ओर अग्रसर रहती है । ये कार्यक्रम स्टॉक निवेश, डेरिवेटिव्स, म्यूचुअल फंड, वित्तीय योजना, धन प्रबंधन, कॉर्पोरेट वित्त आदि के क्षेत्र में होते हैं।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट सेंटर फॉर फाइनेंशियल लर्निंग को वर्ल्ड एजुकेशन कांग्रेस में लर्निंग और बेस्ट ऑनलाइन लर्निंग सॉल्यूशन में इनोवेशन के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस कार्यक्रम ने सिंगापुर में सीएमओ एशिया में उभरते ब्रांड का प्रतिष्ठित पुरस्कार भी जीता है |
कार्यक्रम का उद्देश्य:
ट्रेज़री और बैंकिंग का महत्व किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए सर्वोपरि है। जमा राशि बढ़ाने और उधारकर्ताओं को उधार देना किसी भी बैंक का प्रमुख कार्य है । ऐसा करने में, उन्हें लाभदायक रहना होगा। हालांकि, बैंकों को दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनमें से एक तरलता और जोखिम का प्रबंधन करना है। यही वह स्थान है जहां किसी भी बैंक का ट्रेज़री विभाग सिक्योरिटीज को या निवेश बेचकर तरलता को संतुलित करता है। ट्रेज़री संचालन द्वारा विभिन्न बाजारों में भागीदारी के साथ जोखिम की प्रतिरक्षा की जाती है |
बैंकिंग में पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्रोग्राम को बैंक और ट्रेजरी की विभिन्न गतिविधियों को प्रबंधित करने के लिए व्यापक ज्ञान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जिसमें जमा करने, ऋण, जोखिम और तरलता प्रबंधन के माध्यम से व्यवसाय किया जाना शामिल है। कार्यक्रम क्रेडिट जोखिम प्रबंधन को गहराई से समझाने में सहायता करेगा जो अब गैर-निष्पादित संपत्तियों के बढ़ते दबाव के कारण भारतीय बैंकों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। कार्यक्रम को दिन-प्रतिदिन के संचालन को संभालने के लिए बैंकों द्वारा नियोजित विभिन्न तरीकों से निष्पादित किए जाने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है।
कार्यक्रम प्रतिभागियों को विभिन्न पहलुओं पर बैंक के विश्लेषण हेतु विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करने में सहायता करेगा। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागीगण ऐसे विश्लेषण करने में सक्षम होंगे जिसका व्यापक रूप से उपयोग बैंक निवेश विश्लेषकों द्वारा किया जाता है।
कार्यक्रम प्रतिभागियों को विभिन्न बैंकिंग डिवीजनों हेतु तैयार करने के लिए किया गया है। प्रतिभागीगण बैंकिंग और ट्रेज़री के संबंध में गहन समझ और विश्लेषणात्मक कौशल में सक्षम होंगे, जिसे उदाहरण, अभ्यास और केस स्टडीज के माध्यम से हासिल किया जाएगा ।
कार्यक्रम बेहतर निर्णय लेने के लिए गुणात्मक चर्चा और मात्रात्मक विश्लेषण का एक अच्छा मिश्रण है। कार्यक्रम उन प्रतिभागियों को भी प्रशिक्षण प्रदान करेगा जो बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में शामिल होना चाहते हैं। यह कार्यक्रम उन्हें बैंकिंग और ट्रेजरी के ज्ञान और अवधारणाओं के साथ समृद्ध करेगा | यह कार्यक्रम उन कार्यकारियों को लाभ पहुंचाने के लिए संरचित किया गया है, जो महत्वपूर्ण प्रबंधकीय जिम्मेदारियाँ ग्रहण करने के लिए तैयार किए जा रहे हैं या जिन्होंने हाल में ही इस तरह की ज़िम्मेदारी ली है । कार्यक्रम ऐसे प्रबंधकों के कार्य अनुभव द्वारा, उन्हें प्रभावी प्रबंधक बनने हेतु अतिरिक्त ज्ञान और कौशल प्रदान करेगा।
पात्रता:
भारतीय विश्वविद्यालयों की एसोसिएशन द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों से स्नातक / स्नातकोत्तर।
कम से कम दो वर्ष के कार्य अनुभव के साथ स्नातक या स्नातकोत्तर (या इसके समतुल्य) में न्यूनतम 50% अंकों के साथ
या
सीए / आईसीडब्ल्यूए / सीएस / सीएफए / सीएफपी जैसे पेशेवर योग्यता वाले फ्रेशर अभ्यर्थी भी कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
प्रवेश प्रक्रिया:
I आवेदन पत्र:
सभी इच्छुक उम्मीदवारों को हमारी वेबसाइट https://www.iimidr.ac.in से आवेदन पत्र डाउनलोड कर भरना होगा और सीधे आईआईएम इंदौर को भेजना चाहिए ।
पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र “भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर” के पक्ष में रु. 2950/ – (जीएसटी 18% सहित रु. दो हजार नौ सौ पचास मात्र) तैयार डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) / बैंकर चेक (बीसी) के साथ होना चाहिए, जो कि इंदौर में ही देय हो । आवेदन पत्र आवेदन की स्वीकृति के लिए अंतिम तिथि को या उससे पहले नीचे दिए गए पते पर पहुंच जाना चाहिए:
कार्यकारियों के लिए वर्चुअल लर्निंग प्रोग्राम (वीएलपीई) कार्यालय,
भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर,
प्रबंध शिखर, राउ-पीथमपुर रोड,
इंदौर – 453556, मध्य प्रदेश, भारत
II आवेदन स्क्रीनिंग: पूर्ण रूप से भरे आवेदन पत्र जमा करने पर, आवेदन उम्मीदवार के अकादमिक प्रदर्शन और प्रासंगिक कार्य अनुभव के आधार पर आवेदन अनुवीक्षण (स्क्रीनिंग) किया जाएगा।
III व्यक्तिगत साक्षात्कार: लघु-सूचीबद्ध उम्मीदवारों को व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा। सभी उम्मीदवारों को व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए बुलाया नहीं जाता है। व्यक्तिगत साक्षात्कार पूरे भारत में विभिन्न अध्ययन केंद्रों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम द्वारा आयोजित किया जाएगा।
IV चयन : कार्यक्रम में चयन व्यक्तिगत साक्षात्कार, उम्मीदवार के अकादमिक प्रदर्शन और प्रासंगिक कार्य अनुभव पर आधारित है।
कार्यक्रम डिजाइन:
इस कार्यक्रम में सूचना प्रौद्योगिकी मंच के उपयोग द्वारा लगभग 150 घंटे का पाठ्यक्रम अंतरण शामिल हैं। कार्यक्रम बारह महीने की अवधि के लिए है। प्रौद्योगिकी मंच के माध्यम से सीखने, प्रौद्योगिकी मंच के माध्यम से सीखने हेतु पांच दिनों की अवधि के लिए ऑन कैंपस ओरिएंटेशन मॉड्यूल एक परिपूरक व्यवस्था भी होगी । इस कार्यक्रम में प्रस्तुत किए जाने वाले पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं:
- वित्तीय विवरण विश्लेषण
- वित्तीय प्रबंधन
- व्यवसाय के लिए अर्थशास्त्र पर्यावरण
- वित्तीय उत्पादों का विपणन
- वाणिज्यिक बैंकिंग – I
- वाणिज्यिक बैंकिंग – II
- वित्तीय जोखिम प्रबंधन
- ट्रेजरी प्रबंधन
- निवेश और पोर्टफोलियो प्रबंधन
- उद्योग व्याख्यान
नोट: यह पाठ्यक्रमों की एक सूचक सूची मात्र है। संस्थान समय-समय पर पाठ्यक्रम बदल सकता है।
कार्यक्रम की अवधि बारह महीने होगी।
कार्यक्रम शुल्क:
कार्यक्रम शुल्क रु. 300000 / – (तीन लाख रुपये मात्र ) के साथ लागू वस्तु और सेवा कर भी अतिरिक्त है । सभी भुगतान भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर के पक्ष में किए जाने होंगे ।
प्रवेश के प्रस्ताव की स्वीकृति के समय रु. 10000/- (दस हजार रुपये मात्र) के साथ एक प्रतिबद्धता शुल्क और लागू वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) चुकाना है, जिसे पंजीकरण के समय भुगतान किए गए शुल्क के खिलाफ समायोजित किया जाएगा। प्रतिबद्धता शुल्क वापस नहीं किया जा सकता है। एक बार प्रतिबद्धता शुल्क का भुगतान करने के उपरांत , नीचे दी गई भुगतान अनुसूची के अनुसार किश्तों में शेष शुल्क का भुगतान करना होगा। इसका भुगतान डिमांड ड्राफ्ट द्वारा किया जा सकता है।
विवरण | शुल्क राशि (रु.) |
कैंपस प्रवेश के समय देय शुल्क (जीएसटी छोड़कर)
|
30,000 |
प्रवेश शुल्क के समय देय कार्यक्रम शुल्क (पहली किश्त)
(जीएसटी छोड़कर)
|
1,00,000 |
कार्यक्रम शुल्क (दूसरी किश्त) प्रवेश के तीन महीने के भीतर देय (जीएसटी छोड़कर)
|
80,000 |
कार्यक्रम शुल्क (तीसरी किश्त) प्रवेश के छह महीने के भीतर देय (जीएसटी छोड़कर)
|
80,000 |
छूट नीति:
एक वीएलपीई कार्यक्रम में पांच या अधिक प्रतिभागियों को प्रायोजित करने वाले संगठन देय कुल शुल्क पर 10% की समूह छूट प्राप्त के हकदार होंगे बशर्ते कि कम से कम पांच प्रतिभागी वास्तव में कार्यक्रम में भाग लें |
कार्यक्रम अंतरण :
पाठ्यक्रम उचित प्रौद्योगिकी मंच का उपयोग कर ऑन-लाइन मोड के माध्यम द्वारा अंतरित किए जाएंगे। दो तरह के ऑडियो और वीडियो संचार से जुड़े ब्रॉडबैंड आधारित तकनीक के माध्यम से व्याख्यान उपलब्ध कराए जाएंगे । कक्षाएं शाम एवं सप्ताहांत में आयोजित की जाएँगी । यदि डायरेक्ट टू डिवाइस (डी 2 डी) मोड में कार्यक्रम की पेशकश की जाती है तो प्रतिभागी कार्यालय या घर से सत्र में भाग ले सकते हैं। प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए प्रतिभागियों को अध्ययन सामग्री आदि उपलब्ध कराई जाएगी। वे ई-मेल / चैट मोड के माध्यम से संबंधित संकाय के साथ भी बातचीत कर सकते हैं।
प्रमाणीकरण :
कार्यक्रम के सफल समापन पर प्रतिभागियों को ‘बैंकिंग में पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्रोग्राम‘ प्रदान किया जाएगा।