सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए आईआईएम इंदौर को 19.95 करोड़ रुपए का अनुदान मिला
अयोध्या के लिए स्वच्छता गान का हुआ विमोचन
बेस्ट फैकल्टी और बेस्ट स्टाफ अवार्ड्स की हुई घोषणा
भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) ने 03 अक्टूबर, 2022 को अपना 26 वां स्थापना दिवस मनाया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय ने किया। राजदूत श्री विष्णु प्रकाश, कनाडा और दक्षिण कोरिया के पूर्व दूत, विदेश कार्यालय के प्रवक्ता, इस अवसर के मुख्य अतिथि थे।
स्थापना दिवस पर संस्थान में सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना की घोषणा हुई। प्रो. हिमाँशु राय ने कहा कि इंदौर ने कुशल कचरा प्रबंधन और स्वच्छता की मिसाल कायम करते हुए लगातार छह वर्षों तक स्वच्छ शहर का पुरस्कार प्राप्त किया है। 'आईआईएम इंदौर में हमारा उद्देश्य प्रासंगिक बने रहना और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है। इस प्रकार, स्वच्छ भारत मिशन में योगदान करने के लिए, हमने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ हाथ मिलाया है और 19.95 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त किया है। उन्होंने इंदौर कलेक्टर श्री मनीष सिंह और आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल को पहल में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने उल्लेख किया कि संस्थान ने सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के तहत पाठ्यक्रमों की पेशकश करने के लिए पांच विदेशी शैक्षिक संस्थाओं - डेनवर विश्वविद्यालय, रटगर्स विश्वविद्यालय, ग्लासगो विश्वविद्यालय, लिवरपूल विश्वविद्यालय और बोकोनी विश्वविद्यालय के साथ सहयोग किया है। 'हमारा सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस महापौरों और वार्ड पार्षदों सहित राजनीतिक अग्रणियों के लिए उनकी क्षमता, कौशल और संवेदनशीलता का निर्माण करने के लिए दस दिवसीय पाठ्यक्रम को प्रायोजित करेगा। इन प्रतिभागियों को आईआईएम इंदौर में 5 दिवसीय मॉड्यूल में भाग लेने का मौका मिलेगा, इसके बाद हमारे सहयोगी विश्वविद्यालयों में से एक में 5 दिवसीय मॉड्यूल में वे शामिल हो सकेंगे। यह मॉड्यूल WASH - पानी, स्वच्छता और स्वच्छता (Water, Sanitation and Hygiene) को मजबूत करने पर जोर देगा। 'हम लोगों में व्यवहार परिवर्तन पर जानकारी तैयार करेंगे - उन्हें स्वच्छता के लिए पैरामीटर तय करने में मदद करेंगे जिन्हें प्लेटिनम, गोल्ड और डायमंड मानकों में वर्गीकृत किया जा सकेगा और जीवन शैली में जोड़ा जा सकेगा। आईआईएम इंदौर आईआईटी इंदौर के साथ उन युवाओं के लिए एक इन्क्यूबेशन सेंटर भी स्थापित करेगा जो स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र में अपना उद्यम शुरू करना चाहते हैं।
इस अवसर पर प्रो. गणेश कुमार निद्गुला, प्रो. श्रुति तिवारी, प्रो. अमित वत्स और प्रो. वैजयंती आनंद ने भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के बारे में अपने विचार साझा किए। चार प्रोफेसरों की इस टीम का नेतृत्व प्रो. हिमाँशु राय कर रहे हैं और सीओई के लिए विभिन्न योजनाओं और रणनीतियों पर काम करेंगे।
इस अवसर पर विदेशी सहयोगी विश्वविद्यालयों के बधाई संदेशों की भी स्क्रीनिंग की गई। प्रो. नूरान एकूर, इनोवेशन मैनेजमेंट के प्रोफेसर, एडम स्मिथ बिजनेस स्कूल, ग्लासगो विश्वविद्यालय ने कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए स्वच्छता और स्वच्छता जागरूकता के लिए और उचित प्रशासन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना महत्वपूर्ण है। 'आईआईएम इंदौर सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के जरिए इस जिम्मेदारी को निभा रहा है। इस पहल में आईआईएम इंदौर के साथ जुड़ना हमारे लिए खुशी की बात है', उसने कहा। बोकोनी विश्वविद्यालय के सस्टेनेबिलिटी प्रोफेसर प्रो. फ्रांसेस्को बर्तोलिनी ने भी आईआईएम इंदौर के साथ सहयोग करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। 'इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर है और इटली के पास कचरे के प्रबंधन के लिए उन्नत तकनीक है। इस प्रकार, आईआईएम इंदौर के साथ सहयोग प्रशिक्षण प्रदान करने और उन परियोजनाओं पर काम करने के मामले में बहुत उपयोगी होगा जो हमें विभिन्न एसडीजी हासिल करने में मदद करते हैं। रटगर्स विश्वविद्यालय के वैश्विक मामलों के उपाध्यक्ष प्रो. एरिक गारफंकेल ने कहा कि स्वच्छ पानी और स्वच्छता बुनियादी मानवाधिकार हैं और महामारी ने इसे और महत्वपूर्ण बना दिया है। उन्होंने कहा, 'हम कार्यकारी नेतृत्व, विकास, क्षमता निर्माण, सामुदायिक विकास और रणनीतिक योजना पर ध्यान केंद्रित करते हुए आईआईएम इंदौर के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने के लिए तत्पर हैं।'
आईआईएम इंदौर न केवल इंदौर और मध्य प्रदेश, बल्कि कानपुर और अयोध्या सहित देश के अन्य शहरों के कल्याण में योगदान दे रहा है। स्वच्छ इंदौर योजना को लागू करने में अयोध्या की मदद करने के एक हिस्से के रूप में, आईआईएम इंदौर ने अयोध्या के लिए एक स्वच्छता गान बनाया है। प्रो. हिमाँशु राय ने गीत को अपनी आवाज़ दी है और प्रो. श्रुति तिवारी ने गीत के बोल लिखे हैं। इस गाने का विमोचन भी इस अवसर पर हुआ।
स्थापना दिवस समारोह में अपने स्वागत भाषण में, प्रो. राय ने संस्थान द्वारा पिछले एक साल में हासिल की गई विभिन्न उपलब्धियों के बारे में बताया। प्रो. राय ने कहा कि आईआईएम इंदौर अपनी नींव के स्तंभों - मूल्यों, नैतिकता और आदर्श पर दृढ़ है। 'हर बीतता दिन इस बात पर चिंतन करने का अवसर है कि हम कितनी दूर आ गए हैं, आज हम कहां हैं और हमारा लक्ष्य क्या है। हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं, किन्तु कोई भी सफलता कभी अंतिम नहीं होती। आगे सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है', उन्होंने कहा। उन्होंने आईआईएम इंदौर समुदाय को नवोन्मेष, विचार और प्रेरणा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। राजदूत श्री विष्णु प्रकाश ने आईआईएम इंदौर परिवार को 26 वर्ष पूरे करने पर बधाई दी। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और स्वच्छभारत पहल के संदर्भ में संस्थान द्वारा की गई पहलों की विशेष रूप से सराहना की। 'आईआईएम इंदौर एक युवा संस्थान है, और यात्रा अभी शुरू ही हुई है। उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर को अभी और भी कई मीलके पत्थर स्थापित करने है और राष्ट्र और विश्व निर्माण में कई योगदान देने हैं। वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था के बदलते चेहरे परचर्चा करते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ कैसे सहयोग कर सकता है जो समग्र रूप से दक्षिणएशिया को लाभ पहुंचाते हैं। “भारत ने दो तरह की चुनौतियों का सामना किया है। एक है आतंकवाद और दूसरा है ग्लोबल वार्मिंग। हम विकट परिस्थितियों को संभालने में सक्षम हैं, और आज हम एक ऐसे राष्ट्र हैं जिसने हमारी स्थिरता पहल को बढ़ाने और मजबूतकरने में एक उदाहरण स्थापित किया है”, उन्होंने कहा। उन्होंने उल्लेख किया कि महामारी से पहले पिछले 17 वर्षों से भारत की अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी। महामारी केदौरान यह थोड़ा धीमा हो गया, लेकिन फिर, हम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं। उन्होंने कहा,"हमारे पास सबसेअधिक एफडीआई है, हम उभरते स्टार्टअप और यूनिकॉर्न के साथ बढ़ रहे हैं, और महाशक्तियां अब भारत में निवेश करने के लिए अवसरढूँढ रहे हैं", उन्होंने कहा।
उन्होंने छात्रों को समय का पाबंद और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। "सफल होने और असफल होने के बीच काअंतर सिर्फ एक मिनट का हो सकता है, इसलिए समय का पक्का होना आवश्यक है, उन्होंने कहा।
संस्थान हर साल अपने शिक्षकों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित करता है। सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के चयन के मापदंडों में शिक्षण प्रतिक्रिया, विकसित नए पाठ्यक्रम, शिक्षण अध्यापन (नवाचार), और अनुप्रयोग / व्यावहारिक अभिविन्यास शामिल थे। इस वर्ष यह पुरस्कार प्रो. भाविन जे शाह, प्रो. प्रबीन कुमार पाणिग्रही और प्रो. श्रुति तिवारी को प्रदान किया गया, जिन्हें एक प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिला।
छात्रों से सबसे अधिक सकारात्मक फीडबैक प्राप्त करने वाले शीर्ष पांच पर्सेंटाइल फैकल्टी को भी सम्मानित किया गया। इनमें प्रो. मनोज मोतियानी, प्रो. रोहित कपूर, प्रो. श्रीनाथ जगन्नाथन, प्रो. श्रीहरि एस सोहानी, प्रो. अमिताभ देव कोडवानी और प्रो. बिपुल कुमार शामिल हैं।
इस अवसर पर बेस्ट स्टाफ अवार्ड की भी घोषणा की गई। पुरस्कार पाने वालों में डॉ. अंजलि लालवानी, श्री संदीप कुमार दास, श्री जितेंद्र सिंह यादव और श्री विवेक चिंचखेड़े शामिल हैं।
इस अवसर पर आईआईएम इंदौर से 10 और 20 वर्षों से जुड़े कर्मचारियों को भी 10/20 साल के सेवा पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें प्रो. शुभमॉय डे, प्रो. बिस्वनाथ स्वेन, प्रो. गौरव सिंह चौहान, प्रो. कजरी मुखर्जी, श्री के.वी. सत्यनाथन, प्रो. मधुकर दयाल और प्रो. नागराजन कृष्णमूर्ति शामिल हैं।
इस अवसर पर पीजीपी, पीजीपीएचआरएम और आईपीएम प्रतिभागियों के शीर्ष 5 पर्सेंटाइल ने भी अकादमिक उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र प्राप्त किया। कुल 30 छात्रों ने प्रमाण पत्र प्राप्त किए। आईपीएम स्वर्गीय आद्या प्रभा छात्रवृत्ति स्तुति खंडेलवाल, आईपीएम 2018 को प्रदान की गई।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।