- समझौता ज्ञापन का उद्देश्य अकादमिक-व्यवसायी सहयोग प्रणाली को मजबूत करना है
- संसथान झूठी खबरें और जाली समाचार की उत्पत्ति, प्रसार और प्रभाव से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए बनाएँगे तंत्र
जाली समाचार के प्रसार से संबंधित मुद्दों की पहचान करने, उन पर अंकुश लगाने और उन्हें संबोधित करने के उद्देश्य से, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) ने 13 जून, 2022 को एबीपी नेटवर्क के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन पर प्रो. हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर एवं श्री अविनाश पांडे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एबीपी नेटवर्क, दिल्ली ने हस्ताक्षर किए।
सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, प्रो. हिमाँशु राय ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य दोनों पक्षों के व्यावसायिकता को और मजबूत करना और पारस्परिक शैक्षणिक-व्यवसायी सहयोग प्रणाली के माध्यम से एक सूचित और खुले समाज के विकास में योगदान करना है। 'आईआईएम इंदौर का लक्ष्य है समाज की बेहतरी में योगदान देने के लिए हर पहल करना। मीडिया हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह अनिवार्य है कि नागरिकों के बीच प्रसारित समाचार प्रामाणिक, विश्वसनीय और पारदर्शी हो। हम नकली समाचारों के सामाजिक-मनोवैज्ञानिक आधार की जांच करने की योजना बना रहे हैं ताकि इसकी उत्पत्ति, प्रसार और प्रभाव से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए निवारक तंत्र तैयार किया जा सके', उन्होंने कहा। आईआईएम इंदौर नागरिकों के लिए डिजिटल/मीडिया साक्षरता पर जागरूकता और प्रशिक्षण मॉड्यूल भी तैयार करेगा। उन्होंने कहा, 'राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के अपने उद्देश्य के अनुरूप, हम फेक न्यूज इको-सिस्टम का मुकाबला करने के लिए नीति स्तर के हस्तक्षेपों का विश्लेषण और सिफारिश भी करेंगे। समझौता ज्ञापन एबीपी नेटवर्क के कर्मियों के लिए आईआईएम इंदौर के साथ अल्पकालिक प्रशिक्षण / अनुसंधान के अवसरों के लिए एक मंच भी प्रदान करता है।
श्री अविनाश पांडे ने आईआईएम इंदौर के साथ सहयोग करने पर ख़ुशी व्यक्त की। 'हम सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों के लिए अनुसंधान परियोजनाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं। यह हमारे अकादमिक-उद्योग संबंधों को और मजबूत करेगा', उन्होंने कहा। उन्होंने बताया कि एबीपी नेटवर्क के साथ आईआईएम इंदौर के छात्रों / शोधकर्ताओं / कर्मियों के लिए अनुसंधान / इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान किया जाएगा और आपसी हित के विषयों पर संयुक्त सेमिनार और सम्मेलन आयोजित होंगे।
सहयोग तीन साल की अवधि के लिए वैध होगा।