आईआईएम इंदौर का उद्देश्य अपने प्रतिभागियों को प्रासंगिक पाठ्यक्रम देना और फैकल्टी और स्टाफ को सीखने और विकास के अवसर प्रदान करना है। संस्थान ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर विभिन्न शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम किया है। इसके अनुरूप, आईआईएम इंदौर ने 28 जून, 2022 को टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी डबलिन (टीयू डबलिन) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन पर आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय और प्रो. डेविड फिट्ज पैट्रिक, प्रेसिडेंट, टीयू डबलिन, ने हस्ताक्षर किए। इस एमओयू का उद्देश्य आपसी हित के शैक्षणिक क्षेत्रों में संयुक्त गतिविधियों का विकास करना है।
सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, प्रो. राय ने कहा कि समझौता ज्ञापन फैकल्टी, स्कॉलर्स और प्रशासनिक कर्मचारियों के आदान-प्रदान के लिए एक सुअवसर प्रदान करेगा और जॉइंट रिसर्च के अवसर भी देगा। 'मैं आयरलैंड के पहले तकनीकी विश्वविद्यालय - टीयू डबलिन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूँ। आईआईएम इंदौर का लक्ष्य सामाजिक रूप से जागरूक नेताओं, प्रबंधकों और उद्यमियों को तैयार करना है, और टीयू डबलिन विद्यार्थियों के लिए एक समावेशी और स्वतंत्र शिक्षण अनुभव पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि यह सहयोग दोनों शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों के लिए मूल्यवान होगा, जिससे उन्हें एक साथ आने, सीखने और विभिन्न गतिविधियों में सहयोग करने का मौका मिलेगा। इनमें व्याख्यान आयोजित करना, संगोष्ठी आयोजित करना, अकादमिक सामग्री का आदान-प्रदान करना और वैश्विक दर्शकों के लिए अध्ययन और ऑनलाइन सीखने के कार्यक्रमों को विकसित करना और वितरित करना शामिल होगा।
प्रो. पैट्रिक ने कहा कि यह गठबंधन दोनों संस्थानों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा और उन्हें गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला में पारस्परिक रूप से लाभकारी कार्यक्रम आयोजित करने में मदद करेगा। 'हमें आईआईएम इंदौर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की खुशी है। यह भारत का दूसरा आईआईएम है जिसने ट्रिपल क्राउन प्राप्त किया है। ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में विभिन्न व्याख्यानों, सेमिनारों, कार्यशालाओं आदि का आयोजन करने से दोनों संस्थानों के हितधारकों को एक साथ सीखने और आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के आयोजन के लिए तत्पर हैं जो दोनों पक्षों के लिए उपयोगी साबित हों।
एमओयू तीन साल के लिए वैध होगा।