- आईआईएम इंदौर और आईआईटी इंदौर पहला मास्टर्स प्रोग्राम लॉन्च किया
- दो वर्षीय मास्टर डिग्री प्रोग्राम पूर्ण करने पर प्राप्त होगी आईआईएम इंदौर और ईट इंदौर से डिग्री
- 900 घंटे की कक्षाएं, हर हफ्ते 15 घंटे लाइव सेशन, दोनों संस्थानों के फैकल्टी से सीखने का मिलेगा अवसर
आईआईएम इंदौर का लक्ष्य एक प्रासंगिक बिजनेस स्कूल बने रहना है जो सभी के लिए विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करता है। अपने मिशन के अनुरूप, संस्थान ने पहला मास्टर डिग्री प्रोग्राम शुरू करने के लिए आईआईटी इंदौर के साथ सहयोग किया है। डेटा साइंस एंड मैनेजमेंट में दो वर्षीय मास्टर ऑफ साइंस एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम है जो 15 घंटे के लाइव सत्र और कुल 900 घंटे शिक्षण की पेशकश करता है। पाठ्यक्रम को कुशल डेटा वैज्ञानिकों और विश्लेषकों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है जो एक संगठन की सफलता में योगदान दे सकते हैं। पाठ्यक्रम का ऑनलाइन उद्घाटन 21 मार्च, 2022 को प्रो. हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर; प्रो. सुहास जोशी, निदेशक, आईआईटी इंदौर; प्रो. नीलेश कुमार जैन, पूर्व कार्यवाहक निदेशक और संकाय, आईआईटी इंदौर; प्रो. अमित वत्स, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर-आईआईएम इंदौर और प्रो. परिमल कर, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर-आईआईटी इंदौर की उपस्थिति में हुआ।
प्रो. हिमाँशु राय ने इस पाठ्यक्रम के शुभारंभ पर प्रसन्नता व्यक्त की और नए बैच का स्वागत किया। उन्होंने VUCA (Volatility, Uncertainity, Complexity, Ambiguity) – अर्थात अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता की दुनिया में चुनौतियों को कैसे पार पाया जा सकता है, इस पर विचार साझा किए। 'दृष्टिकोण यानि विज़न से अस्थिरता का मुकाबला किया जा सकता है। दुनिया अस्थिरता का सामना कर रही है, और इसे केवल दूरदृष्टि रखने से ही दूर किया जा सकता है। डेटा की उपलब्धता को सार्थकता में कैसे परिवर्तित किया जाए, यही इस पाठ्यक्रम की उत्पत्ति का सार है, और आपकी दृष्टि आपको इस पाठ्यक्रम के ज़रिए सीखने और अपनी शिक्षा का उचित उपयोग करने में मदद करेगी’। उन्होंने प्रतिभागियों को अपनी दृष्टि में कल्पना जोड़ने और एक ऐसी दुनिया बनाने की दिशा में काम करने की सलाह दी जिसका वे हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 'अनिश्चितता' का एक दूसरे को 'समझने' अर्थात अंडरस्टैंडिंग से सामना किया जा सकता है। ‘आप संस्थानों के प्रतिभाशाली संकाय सदस्यों से अपार ज्ञान प्राप्त करेंगे; हालाँकि, आप अपने साथियों के साथ बातचीत के माध्यम से जो शिक्षा अर्जित करेंगे, वह अद्भुत अनुभव होगा’। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रतिभागियों ने 'साहस' यानि करेज के माध्यम से 'जटिलता' को हराने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'साहस सबसे महत्वपूर्ण मूल्यों में से एक है, क्योंकि यदि आप साहसी नहीं हैं, तो आपके पास कोई अन्य मूल्य नहीं हो सकता है’। उन्होंने प्रतिभागियों को 'अनुकूलता और चपलता' (एडाप्टेबिलिटी और एजिलिटी) द्वारा 'अस्पष्टता' का मुकाबला करने की सलाह दी। 'यह दुनिया तेजी से बदल रही है। आपको दुनिया की नई वास्तविकताओं के अनुकूल होने की जरूरत है, क्योंकि आने वाले वर्षों में सफलता न केवल योग्यतम के लिए अपितु सबसे फुर्तीले और वातावरण के अनुसार स्वयं को ढालने वाले के लिए उपलब्ध होगी ', उन्होंने कहा।
आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने कहा कि व्यवसायों को महामारी के बाद के परिदृश्य में प्रबंधन और डेटा विज्ञान उपकरण और तकनीकों में कुशल कार्यबल की आवश्यकता है। 'इस प्रकार, दो प्रमुख संस्थानों द्वारा पेश किया गया यह व्यापक पाठ्यक्रम व्यावसायिक ज्ञान और तकनीकी कौशल, दोनों पर केंद्रित है’, उन्होंने कहा। प्रो. नीलेश जैन ने भी कार्यक्रम के महत्व और इस कार्यक्रम के विचार की उत्पत्ति पर अपने विचार साझा किए। पाठ्यक्रम के चार स्तंभों, डेटा, उद्यम रणनीति, प्रौद्योगिकी और लोगों पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा कि यह सुदृढ़ता से तैयार किया गया पाठ्यक्रम व्यवसाय चलाने के कई क्षेत्रों में प्रतिभागियों की सहायता करेगा।
विशाल डेटा को बेहतर व्यावसायिक निर्णयों में बदलने की क्षमता, प्रत्येक व्यवसाय के लिए सफलता प्राप्त करने और बाज़ार में अपनी जगह बनाए रखने की कुंजी है। आईआईएम इंदौर और आईआईटी इंदौर के संकाय सदस्यों द्वारा आयोजित यह पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को उन क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता करेगा जहां डेटा विज्ञान मूल्य जोड़ सकता है और एल्गोरिदम डेवलपर्स और डेटा विश्लेषकों को जानकारी प्रदान कर सकता है, जिससे व्यापार प्रभाव उत्पन्न करने में योगदान मिलता है। पाठ्यक्रम में मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सप्लाई चैन मैनेजमेंट, फाइनेंस मैनेजमेंट, डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और स्टैटिस्टिकल मेथड्स, एचआरएम,स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट, इनफार्मेशन सिस्टम्स, एथिक्स आदि पर सत्र शामिल हैं। इस पाठ्यक्रम के पहले बैच के लिए देश भर से कुल 41 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है।