ऑनलाइन लर्निंग प्रोग्राम की श्रृंखला में आईआईएम इंदौर में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सर्टिफिकेट प्रोग्राम की शुरुआत 30 जनवरी, 2021 को ऑनलाइन मोड में हुई । इस पाठ्यक्रम का संचालन टीएसडब्ल्यू टाइम्स प्रोफेशनल लर्निंग के सहयोग से किया जा रहा है । उद्घाटन समारोह प्रोफेसर रंजीत नंबुदिरी, डीन-प्रोग्राम्स, आईआईएम इंदौर; पाठ्यक्रम के संकाय समन्वयक प्रोफेसर रोहित कपूर और प्रोफेसर सुजय मुखोटी; प्रोफेसर प्रशांत सलवान, चेयर, एग्जीक्यूटिव एजुकेशन और श्री अनीश श्रीकृष्ण, सीईओ, टीएसडब्ल्यू टाइम्स प्रोफेशनल लर्निंग की उपस्थिति में हुआ । इसमें 121 प्रतिभागी भी शामिल हुए ।
'हम प्रसन्न हैं कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कोर्स की शुरुआत की जा रही है, और यह संस्थान में शुरू की गयी किसी भी ऑनलाइन बैच में से सबसे बड़ी है जिसमें 121 प्रतिभागी हैं । इस कार्यक्रम का पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को ऐसे कौशल में महारत हासिल करने में सक्षम करेगा, जो भारत को 'आत्मानिभर भारत' मिशन को प्राप्त करने में मदद करेगा । सरकार की नीतियों और निवेश, परियोजना प्रबंधन क्षमताओं, एक मजबूत और अनुशासित परियोजना प्रबंधन प्रथाओं से प्रेरित वर्तमान संसाधन विवश वातावरण में, एक संगठन को आगे बढ़ाएगा और आर्थिक मूल्य विकसित करेगा ', प्रो. हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर ने कहा।
प्रोफेसर नंबुदिरी ने नई बैच को इस कोर्स को चुनने के लिए शुभकामनाएं दी । उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद, प्रोजेक्ट मेनेजर की लगातार मांग रही है; और अगले दस वर्षों में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के लिए 70 लाख नई नौकरियां भी होंगी । ‘प्रोजेक्ट मैनेजरों की आवश्यकता हर उद्योग में होती है - क्योंकि यह अब एक विशिष्ट कौशल नहीं है और हर कार्यात्मक क्षेत्र में आवश्यक है । इस कौशल को नियोक्ताओं द्वारा भर्ती के समय भी महत्त्व दिया जाता है, क्योंकि यह आपके कार्यस्थल पर आपकी उत्पादकता में सुधार करता है । इसलिए, उत्पाद प्रबंधन में पेशेवर प्रमाणन होना प्रतिभागियों के लिए उपयोगी होगा, क्योंकि यह प्रासंगिक है और प्रतिभागियों के कौशल को उन्नत करेगा’ उन्होंने कहा ।
प्रोफेसर सलवान ने कहा कि अनुशासित प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की शुरुआत रणनीतिक दृष्टि से प्रारंभिक निवेश पर आधारित होती है । ' इस पाठ्यक्रम से प्रतिभागी सीख सकेंगे कि कम संसाधनों के साथ काम करने में कोई त्रुटी न हो, विषय विशेषज्ञता हो, संगठनों को उनकी वितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, लागत में कटौती और जोखिम से निपटने में किस प्रकार मदद हो जिससे उन्हें मंदी से बाहर निकलने और भविष्य के लिए मजबूत परियोजना प्रबंधन प्रथाओं को लागू करने में मदद मिल सके', उन्होंने कहा । उन्होंने कहा कि सही संसाधनों के साथ एक स्पष्ट समय सीमा, मजबूत और अनुशासित परियोजना प्रबंधन प्रथाओं से ही एक संगठन आगे बढ़ सकेगा ।
संकाय समन्वयक प्रोफेसर कपूर और प्रोफेसर मुखोटी ने पाठ्यक्रम का संक्षिप्त परिचय दिया । उन्होंने कहा कि यह सफल रणनीतियों और प्रोजेक्ट परिणामों के लिए व्यावहारिक है । पाठ्यक्रम में परियोजनाओं के चयन, आरंभ, योजना, क्रियान्वयन, नियंत्रण, मूल्यांकन और यहां तक कि समाप्ति के प्रमुख घटक शामिल हैं । ‘यह कार्यक्रम प्रासंगिक रूप से कार्यकारी अधिकारियों के लिए बनाया गया है और वास्तविक व्यावसायिक उपयोग के मामलों पर केंद्रित है ’, उन्होंने कहा ।
श्री श्रीकृष्ण ने नए बैच का स्वागत किया और आईआईएम इंदौर के साथ सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त की । उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर को NIRF रैंकिंग में #7 रैंक दिया गया है, और यह ट्रिपल क्राउन प्राप्त करने वाला अग्रणी बिजनेस स्कूल रहा है । ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सभी क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण गतिविधि है । एक सफल परियोजना प्रबंधक व्यवस्थित होता है और मल्टीटास्क कर सकता है । इस पाठ्यक्रम में कला के साथ-साथ एक कुशल प्रबंधक होने का विज्ञान भी शामिल है’, उन्होंने कहा । उन्होंने यह भी कहा कि बैच में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागी हैं और यह प्रतिभागियों को एक-दूसरे से सीखने का अवसर प्रदान करेगा ।
इस मौके पर प्रतिभागियों को संकाय सदस्यों के साथ बातचीत करने और उनके प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने का भी मौका मिला ।