भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) और यूनिवर्सिटी ऑफ़ डेनवर ने संयुक्त रूप से वरिष्ठ अधिकारियों के लिए ग्लोबल लीडरशिप एक्सपीरियंस प्रोग्राम फॉर सी-सूट्स की शुरुआत की घोषणा की है। इसका उद्देश्य वरिष्ठ अधिकारियों को वैश्विक स्तर पर उनकी नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने के लिए सशक्त बनाना है।
आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय और डेनवर विश्वविद्यालय की प्रोवोस्ट और एग्जीक्यूटिव वाईस चांसलर, प्रोवोस्ट मैरी एल क्लार्क ने 28 मार्च, 2024 को इस जॉइंट प्रोग्राम के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
प्रो. राय ने सहयोगात्मक पहल पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि यह पाठ्यक्रम वरिष्ठ अधिकारियों को आठ महीने की अवधि की गहन और परिवर्तनकारी यात्रा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम आज के वैश्विक स्थिति में प्रतिभागियों को जटिल नेतृत्व परिदृश्यों का सामना करने और उनमें महारत हासिल करने में सक्षम बनाने में मदद करेगा और उनके कौशल निखरेगा। उन्होंने कहा, "इस कार्यक्रम में भारतीय और पश्चिमी दोनों नेतृत्व प्रतिमानों की अंतर्दृष्टि का विचारशील एकीकरण शामिल है। इससे प्रतिभागियों को नेतृत्व सिद्धांतों और प्रथाओं की व्यापक और समकालीन समझ हासिल होगी"। यह समग्र दृष्टिकोण उन्हें आत्मविश्वास और सक्षमता के साथ विविध और गतिशील वातावरण को समझने में सक्षम बनाएगा, जिससे वैश्विक स्तर पर प्रभावी ढंग से नेतृत्व करने की उनकी क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
प्रो. राय ने कहा, “पांच चरण में आयोजित होने वाले इस प्रोग्राम के प्रत्येक चरण के उद्देश्यों में पर्सनल ब्रांडिंग, इफेक्टिव कम्युनिकेशन, स्ट्रेटेजिक थिंकिंग और क्राइसिस मैनेजमेंट सहित आवश्यक नेतृत्व दक्षताओं से लैस करना शामिल है”। पूरे कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को उद्योग विशेषज्ञों के साथ जुड़ने, सहपाठियों से आपस में सीखने और वास्तविक दुनिया की परियोजनाओं के माध्यम से जो ज्ञान प्राप्त करने और उसे लागू करने का अवसर मिलेगा।
प्रोवोस्ट क्लार्क ने ग्लोबल लीडरशिप एक्सीलेंस को बढ़ावा देने में इसके महत्व पर जोर देते हुए आईआईएम इंदौर के साथ सहयोग पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने उत्साहपूर्वक कहा, "सर्वोत्तम भारतीय और पश्चिमी नेतृत्व प्रथाओं को एक साथ लाकर, हमारा लक्ष्य वरिष्ठ अधिकारियों को आत्मविश्वास और चपलता के साथ जटिल व्यावसायिक परिदृश्यों को नेविगेट करने के लिए सशक्त बनाना है।" प्रोवोस्ट क्लार्क ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे यह सहयोगात्मक कार्यक्रम प्रतिभागियों को विभिन्न दृष्टिकोणों से अंतर्दृष्टि प्रदान करके और उन्हें आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करके वैश्विक नेतृत्व अनुभव को बढ़ाएगा।
कार्यक्रम पांच चरणों में होगा, जिसकी शुरुआत आईआईएम इंदौर में 5-दिवसीय लीडरशिप मॉड्यूल से होगी, और दूसरे चरण में भारतीय लीडरों की ऑनलाइन मास्टरक्लास शामिल होगी। इसमें कॉर्पोरेट, पोलिटिकल और आन्त्रप्रेंन्यूरियल लीडर्स अपने विचार साझा करेंगे। इसे बाद, तीसरे चरण में डेनवर विश्वविद्यालय में एक और 5-दिवसीय नेतृत्व मॉड्यूल होगा, जिसमें प्रतिभागियों को नेतृत्व पर एक पश्चिमी दृष्टिकोण प्रदान होगा। कार्यक्रम का चौथा भाग एक कैपस्टोन प्रोजेक्ट होगा, जो प्रतिभागियों को सीखने का अनुभव प्रदान करेगा। पांचवे चरण में आईआईएम इंदौर ने प्रोजेक्ट का सबमिशन होगा और समापन समारोह होगा।
कार्यक्रम को उनके संगठनों में प्रमुख पदों पर आसीन वरिष्ठ अधिकारियों के लिए तैयार किया गया है, जो उन्हें आज के गतिशील कारोबारी माहौल में संगठनात्मक सफलता के लिए अमूल्य अंतर्दृष्टि और रणनीतियाँ प्रदान करता है।