- 24 प्रतिभागियों को मैनेजमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्राप्त हुए
आईआईएम इंदौर सदा से प्रासंगिक पाठ्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इसी दृष्टिकोण के अंतर्गत, संस्थान ने मैनेजमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एग्जीक्यूटिव एजुकेशन डिप्लोमा प्रोग्राम की पेशकश की है। इसका पहला बैच (एग्जीक्यूटिव पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम इन मैनेजमेंट एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस - बैच 01) का समापन 30 जनवरी, 2024 को हुआ। इस अवसर पर आईआईएम इंदौर के निदेशक, प्रो. हिमाँशु राय ने सभी प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूर्ण करने के लिए डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किए। समापन कार्यक्रम के दौरान चेयर – एग्जीक्यूटिव एजुकेशन प्रो. सुबीन सुधीर, और प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. प्रीतम रंजन भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर कुल 24 प्रतिभागियों को अपना डिप्लोमा प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ।
प्रो. राय ने कहा कि 2047 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, भारत विशेष रूप से हेल्थकेयर सेक्टर में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अग्रणी होने वाला है। एआई की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देते हुए, उन्होंने नौकरी से विस्थापन की आशंकाओं को नकारते हुए कहा कि एआई नौकरी नहीं छीनेगा, बल्कि एआई के ज्ञान से लैस लोग उन लोगों को पीछे छोड़ देंगे जिनके पास इसकी कमी है। उन्होंने बैच को अंग्रेजी के शब्द OCEAN के माध्यम से उन पांच क्षमताओं पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा जो उनके करियर में सफल बनने में सहायक होंगी। ओ फॉर ओपननेस टू लर्निंग – अर्थात नयी चीज़ों को सीखने के लिए प्रेरित किया। सी फॉर conscientiousness अर्थात कर्तव्य निष्ठा का पालन करने और ई फॉर एक्सीलेंस, अर्थात जो भी कार्य करें, वह उत्कृष्टता से करें, ऐसी प्रेरणा दी। उन्होंने ए फॉर एकाउंटेबिलिटी यानि अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार बनना और वंचितों के उत्थान के लिए विशेषाधिकार का लाभ उठाकर जवाबदेह होने की सलाह दी। एन फॉर नेवर गिव अप के माध्यम से उन्होंने प्रतिभागियों को कभी हार न मानने, असफलता से सीखने और अपने कार्यों में करुणा को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, ‘अपने जीवन में लचीलापन और दृढ़ संकल्प बनाए रखें, क्योंकि असफलताएं अपरिहार्य हैं, लेकिन इनसे किसी की सफलता की राह में कभी बाधा नहीं आनी चाहिए’।
प्रो. सुबीन सुधीर ने कहा जब हमने इस क्षेत्र में पाठ्यक्रम प्रस्तुत करने का निर्णय लिया, तो हमने निश्चय किया कि यह डिप्लोमा कार्यक्रम प्रासंगिक होना चाहिए और हमारे मिशन के साथ संरेखित होना चाहिए। एआई के साथ प्रबंधन सिद्धांतों को एकीकृत करने वाला यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को व्यवसाय के उभरते परिदृश्य को समझने में सक्षम बनाएगा।
प्रो. रंजन ने कहा कि यह कार्यक्रम अपनी तरह के पहले कार्यक्रम के रूप में संस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो मैनेजमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मिश्रण है।
यह पाठ्यक्रम पंद्रह महीने की अवधि का है। मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी के मिश्रण वाला यह दूसरा पाठ्यक्रम है जो आईआईएम इंदौर ने तैयार किया है। इसके अतिरिक्त, संस्थान डेटा साइंस और प्रबंधन में मास्टर ऑफ साइंस के लिए आईआईटी इंदौर के साथ एक अन्य पाठ्यक्रम प्रस्तुत करता है।