सेना, नौसेना और वायु सेना के 56 रक्षा अधिकारियों ने छह महीने के कार्यक्रम के लिए पंजीकरण कराया
सर्टिफिकेट कोर्स इन बिजनेस मैनेजमेंट फॉर डिफेंस ऑफिसर्स (सीसीबीएमडीओ) का 19वां बैच 26 सितंबर, 2022 को आईआईएम इंदौर में शुरू हुआ। बैच का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय ने किया। लेफ्टिनेंट जनरल के. एच. गवास, कमांडेंट एमसीटीई, महू, मुख्य अतिथि थे। प्रो. कौशिक गुहाठाकुरता, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, सीसीबीएमडीओ; प्रो. सुबीन सुधीर, चेयर – एग्जीक्यूटिव एजुकेशन; और कर्नल गुरुराज गोपीनाथ पामिडी (सेवानिवृत्त), मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, आईआईएम इंदौर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रो. हिमाँशु राय ने अपने संबोधन में 'उद्देश्य' की पहचान करना, 'भावनात्मक बुद्धिमत्ता' और 'नेटवर्किंग' पर चर्चा की। एक उद्योग में काम करने और फिर शिक्षा के क्षेत्र में जाने की अपनी यात्रा के व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए, उन्होंने अपने जीवन के उद्देश्य की पहचान करने पर जोर दिया। 'मुझे जब अपने जीवन का उद्देश्य समझ आया, तब मैंने फैसला किया कि मैं शिक्षा के क्षेत्र में जाना चाहता हूं। मुझे कईयों ने इस परिवर्तन के लिए मना किया, किन्तु मैंने अपनी दक्षताओं पर भरोसा किया, अपने लक्ष्य की पहचान की, और शिक्षा क्षेत्र को अपने ही जीवन पथ के रूप में चुना, उन्होंने कहा। अब आप एक प्रबंधन पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं, लेकिन आपको यह पता लगाना होगा कि आप यहां क्यों हैं। अपने जीवन में एक दृष्टि लाएं और अपनी कल्पना से ऐसी दुनिया बनाने का प्रयास करें जिसमें आप यहाँ से शिक्षा ग्रहण करने के बाद जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सेना प्रशिक्षण एक व्यक्ति को भावनात्मक रूप से स्थिर बना देता है। हालाँकि, यह बैच अब जिस दुनिया में कदम रखेगी, वहां ऐसे लोग हैं जो हर कदम पर उन्हें चुनौती देंगे। 'आपको रक्षा सेवाओं में हर कार्य को पूरा करने और उसे प्रशासित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। हालाँकि, उद्योग में आपके पास अपनी योजना को क्रियान्वित करने से पहले निर्णय लेने के लिए समय होगा। लोग आपकी बात शायद हमेशा नहीं मानेंगे। इसलिए, अब समय है कि लोगों की बातें सिर्फ जवाब देने के लिए नहीं, बल्कि समझने के लिए सुनें। उन्होंने अधिकारियों को विविध पृष्ठभूमि के लोगों के साथ बातचीत करने और नेटवर्क बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, 'इससे आप मजबूत संबंध बनाने और एक-दूसरे से सीखने में सक्षम होंगे, क्योंकि हर किसी के पास सिखाने के लिए कुछ नया होता है’।
लेफ्टिनेंट जनरल गवास ने कहा कि आईआईएम इंदौर द्वारा तैयार किया गया यह पाठ्यक्रम रक्षा अधिकारियों को कदम दर कदम अपने लक्ष्य का निर्माण करने और अपने सपनों को प्राप्त करने में मदद करेगा। उन्होंने नई बैच से प्रश्न किया - 'क्या होता है जब कोई आप पर पत्थर फेंकता है?' उन्होंने कहा कि हम में से प्रत्येक की हमारे जीवन की परिस्थितियों पर अलग-अलग प्रतिक्रिया होती है। 'आप उस व्यक्ति पर पत्थर वापस फेंक सकते हैं, या आप स्वयं का बचाव कर सकते हैं, या आप सभी पत्थरों को इकट्ठा कर एक घर बना सकते हैं', उन्होंने कहा। यह पाठ्यक्रम रक्षा अधिकारियों को ‘पत्थरों’ के प्रबंधन के लिए एक मंच प्रदान करेगा जिससे उन्हें अपने सपनों का निर्माण करने में मदद मिलेगी। पाठ्यक्रम आपके प्रशिक्षण के दौरान आपके द्वारा प्राप्त पूर्व-मौजूदा कौशल को बढ़ाएगा और जीवन पर एक नया दृष्टिकोण प्राप्त करने में आपकी सहायता करेगा। माना जाता है कि 'एक फौजी' केवल प्रशासन में ही कुशल होता है। हालांकि, सीसीबीएमडीओ आपको प्रबंधन, रसद, वित्त, उद्यमिता, आदि क्षेत्रों में अवसरों के लिए भी तैयार करेगा', उन्होंने कहा।
प्रो. कौशिक गुहाठाकुरता ने भी बैच का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम आईआईएम इंदौर द्वारा राष्ट्र की सेवा के लिए एक पहल है। उन्होंने कहा, 'पिछले 18 बैच इस तथ्य का प्रमाण हैं कि यह कोर्स रक्षा अधिकारियों के लिए रक्षा से कॉर्पोरेट में परिवर्तन के लिए बेहद फायदेमंद रहा है', उन्होंने कहा। प्रो. सुबीन सुधीर ने प्रतिभागियों को संस्थान की रैंकिंग और अन्य पहलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीसीबीएमडीओ, अन्य सभी प्रमुख कार्यक्रमों की तरह, प्रतिभागी-केंद्रित शिक्षा पर आधारित है। उन्होंने कहा, 'यह पाठ्यक्रम आपको सीखने, समूह गतिविधियों और चर्चाओं में शामिल होने, केस स्टडी से और एक-दूसरे से सीखने का अवसर देगा।
कार्यक्रम का समापन कर्नल पामिडी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम के लिए कुल 56 रक्षा अधिकारियों ने पंजीकरण कराया है। इनमें 32 सेना अधिकारी, 12 नौसेना अधिकारी और 12 वायु सेना अधिकारी (48 पुरुष और 08 महिला अधिकारी) शामिल हैं।