- क्षमता निर्माण पर केंद्रित, चार दिवसीय कार्यक्रम में 10 राज्यों के अधिकारियों की भागीदारी देखी गई
आईआईएम इंदौर के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस अन्वेषण के तहत वरिष्ठ अधिकारियों के लिए कस्टमाइज्ड मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमडीपी) का चौथा बैच 05 मार्च, 2024 को शुरू हुआ। देश भर के विभिन्न नगर पालिकाओं के वरिष्ठ अधिकारियों की क्षमता और समझ बेहतर बनाने के उद्देश्य से आयोजित इस चार दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय ने किया। इस अवसर पर प्रो. सुबीन सुधीर, चेयर - एग्जीक्यूटिव एजुकेशन और प्रो. श्रुति तिवारी, प्रोग्राम कॉर्डिनेटर भी उपस्थित रहे।
अपने उद्घाटन भाषण में, प्रो. राय ने शहरी शासन में परिवर्तन लाने और उसे बेहतर बनाने में प्रभावी नेतृत्व और सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारत के परिदृश्य को आकार देने में स्वच्छ भारत जैसी पहल की भूमिका पर प्रकाश डाला और इस पहल के प्रति अधिकारियों के समर्पण की प्रशंसा की। प्रो राय ने राष्ट्र निर्माण प्रयासों में सहयोग और समावेशिता के महत्व पर बल देते हुए 'जनभागीदारी' (सामूहिक भागीदारी) और 'वसुधैव कुटुंबकम' की अवधारणा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "सफल लीडरों में नए दृष्टिकोणों के प्रति गहरी ग्रहणशीलता होनी चाहिए। आज के तेजी से बदलते परिदृश्य में, अनुकूलनशीलता सर्वोपरि है, खासकर टीम वर्क के संदर्भ में।" प्रो राय ने कुशल सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रभावी लीडर सक्रिय रूप से नवीन समाधानों के लिए विविध दृष्टिकोणों का लाभ उठाते हुए दूसरों के साथ काम करने के अवसरों की तलाश करते हैं। इसके अलावा, उन्होंने निरंतर आत्म-सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि सफल लीडर समय के साथ अपनी क्षमताओं को निखारने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं। उन्होंने कहा, नेतृत्व के लिए यह समग्र दृष्टिकोण विकास और नवाचार के माहौल को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्तियों को समकालीन चुनौतियों की जटिलताओं के बीच आगे बढ़ने में सक्षम बनने में मदद मिलती है।
प्रो सुबीन सुधीर ने नए बैच का स्वागत किया और शहरी विकास में समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रतिभागियों को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करने के कार्यक्रम के उद्देश्य पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने देश भर में नगर पालिकाओं में स्थायी परिवर्तन लाने के लिए निरंतर नया सीखने और उसके कार्यान्वयन के महत्व पर जोर दिया।
प्रो श्रुति तिवारी ने कार्यक्रम के विकास और स्वच्छ भारत पहल में योगदान पर इसके प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने विभिन्न शहरों के सामने आने वाली विविध चुनौतियों और नवीन समाधान खोजने में अन्य प्रतिभागियों के अनुभवों से सीखने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, यह कार्यक्रम प्रत्येक नगर पालिका की अनूठी चुनौतियों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने में मदद करेगा।
कस्टमाइज्ड एमडीपी के चौथे बैच में सिक्किम, राजस्थान, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, यूपी, केरल, महाराष्ट्र, त्रिपुरा और बिहार के राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। चार दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम प्रभावी शहरी विकास प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण विषयों को शामिल करेगा।
प्रतिभागी शहरी शासन और विकास की गतिशील और जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए फैकल्टी और उद्योग विशेषज्ञों के साथ जुड़ने, अंतर्दृष्टि और रणनीति प्राप्त करने का अवसर प्राप्त करेंगे। विषयों में लीडरशिप कम्युनिकेशन, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, स्थायी ऊर्जा स्रोतों और प्रबंधन प्रथाओं की खोज, बायोगैस और अपशिष्ट से ऊर्जा इत्यादि शामिल होंगे। इसके साथ ही प्रतिभागी नवाचार, रचनात्मकता और समस्या-समाधान की संस्कृति को बढ़ावा देने वाली चर्चाओं में भी शामिल होंगे। अन्य सत्रों में में शहरी कार्यान्वयन, संसाधन योजना, अपशिष्ट प्रबंधन और डंपसाइट ट्रीटमेंट के लिए उभरती प्राथमिकताएं शामिल होंगी। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागी सार्वजनिक शौचालयों में सुधार, वित्तीय प्रबंधन और व्यवहार परिवर्तन रणनीतियों के बारे में सीखेंगे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर में टिकाऊ और समावेशी शहरी विकास पहल को बढ़ावा देने के लिए वरिष्ठ नगरपालिका अधिकारियों को सशक्त बनाना है।